पार्टनर को सक्स के मूड में लाने के लिए ज़रूरी

पार्टनर को सेक्स के मूड में लाने के लिए क्या सचमुच फोरप्ले ज़रूरी होता है?
सेक्स के मामले में महिला औेर पुरूष के लिए एहसास अलग-अलग होते हैं। पुरूषों को तुरन्त एक्शन में उतर जाना यानि पेनिट्रेट सेक्स करना अच्छा लगता है तो महिला को सेक्स के लिए मूड में आने के लिए फोरप्ले में समय बिताना अच्छा लगता है। इसी संदर्भ में डॉ. संघनायक मेशराम, साइक्रियाटिक और सेक्सोलॉजिस्ट, मुम्बई का कहना है कि सेक्स के तीन भाग होते हैं- फोरप्ले, मेन एक्ट और आफ्टर प्ले। आप विश्वास करे या न करें महिला के लिए प्यार का एहसास करना, सेक्स एन्जॉय करना और पार्टनर के तरफ से विश्वास का जगह बनाये रखने के लिए सेक्स के पहले और बाद का एक्शन बहुत ज़रूरी होता है। इसलिए फोरप्ले के भूमिका को सेक्स प्लेजर के समय इनकार नहीं कर सकते हैं।
यहां तक कि कई स्टडी में ये भी कहा गया है कि हद से ज्यादा फोरप्ले से भी प्रॉब्लम आ सकता है। सेक्स प्लेज़र या ऑर्गैज़्म के लिए भी सिर्फ फोरप्ले ही एक साधन या फैक्टर नहीं होता है।
तो क्या फोरप्ले करना उतना ज़रूरी नहीं होता है?
ये परिस्थिति पर निर्भर करता है। हमेशा फोरप्ले करना ज़रूरी नहीं होता है समय के नज़ाकत को देखने की ज़रूरत होती है। अगर आपकी पार्टनर पहले से मूड में है तो आपको अपना समय फोरप्ले में उतना बरबाद करने की ज़रूरत नहीं है। और अगर वह नींद में है या सेक्स के मूड में नहीं है तो उसके संवेदनशील अंगो को, निप्पल के आस-पास के जगहों को अपने स्पर्श से उत्तेजित करें, इससे वह मूड में आने लगेगी। इसके अलावा ऑर्गैज़्मिक प्लेजर भी हर इंसान के अनुभव या एहसास पर निर्भर करता है। विशेषकर महिलाओं के हार्मोन का उतरना और चढ़ना उसके शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति पर निर्भर करता है।
क्यों आप पूरी तरह से फोरप्ले पर निर्भर नहीं कर सकते?
2009 के जर्नल ऑफ सेक्चुअल मेडिसन के आधार पर आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि फोरप्ले और इंटरकोर्स के दौरान महिला को ऑर्गैज़्म पाने और मेल पार्टनर को प्लेज़र देने के लिए इनकी सही होनी जानकारी। लगभग 2,360 महिलाओं ने ये कहा कि ऑर्गैज़्म पाने के लिए इंटरकोर्स करना ज़रूरी होता है न कि फोरप्ले। सेक्स प्ले के पहले दौर में इसको करने के बाद इंटरकोर्स करना अच्छा होता है। हां, वैजाइनल ड्राइनेस, स्ट्रेस, यूटीआई के हालातों में फोरप्ले की बहुत ज़रूरत होती है।
कब फोरप्ले बिल्कुल काम नहीं करता है?
हमेशा फोरप्ले को ज़रूरी नहीं होता है, कभी-कभी इसका अंदाज भी बदलने की ज़रूरत होती है। ये तो सिर्फ एक तकनीक होती है जो मूड में लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बहुत ज्यादा स्ट्रेस में रहने पर, हार्मोन असंतुलन, वैगानिस्मस (vaginismus), डिस्पैरियुनिया (dyspareunia) जैसे हेल्थ कंडिशन में इसकी ज़रूरत होती है।

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